15 August 1947 – Independence Day of India

देश भक्ति प्राण न्यौछावर करके ही निभाई नहीं जाती | देश के लिए हर मायने में वफादार होना भी देश भक्ति हैं | देश की धरोहर की रक्षा करना, देश को स्वच्छ बनना, कानून का पालन करना, भ्रष्ट्राचार का विरोध करना, आपसी प्रेम से रहना आदि यह सभी कार्य देशभक्ति के अंतर्गत ही आते हैं |

586
15 अगस्त 1947 भारतीय स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता (15 August 1947 Independence Day of India) जो हमें हमारे पूर्वजों ने 15 अगस्त 1947 को दिलाई | एक ऐसी सुनहरी तारीख जिसके कारण हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं | इस आजादी के मोल में कई शहीदों ने अपनी जान चुकाई | तब जाकर हमें आजाद भारत की छत मिल पाई हैं |

15 August 1947 Independence Day of India

अब हमारा कर्तव्य हैं कि हम उन शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में भारत देश का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाये | भारत भूमि माँ स्वरूप मानी जाती हैं | देशवासी भारत माता के बच्चे हैं | अपनी माँ के लिए कर्तव्य निभाने वाले शहीद ही माँ की सच्ची संताने हैं | शहीद के लिए जितना कहे कम हैं | एक ऐसा महान व्यक्ति जो अपने कर्तव्य के आगे अपनी जान तक को तुच्छ मानता हैं | उसके लिए शब्दों में कुछ कह पाना आसान नहीं |

पर हम सभी लोग जिन्हें जान देने का मौका नहीं मिलता या कहे हममे उतनी हिम्मत, ताकत नहीं हैं | हम भी देश के लिए कार्य कर सकते हैं | जरुरी नहीं जान देकर ही देशभक्ति का जस्बा दिखाया जाये | हमें अपने कर्तव्यों अधिकारों के प्रति सजक होना होगा उनका निर्वाह करना होगा | यह उन शहीदों, देश भक्तो एवम मातृभूमि के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी | (15 अगस्त 1947 भारतीय स्वतंत्रता दिवस)

देश भक्ति और न्यौछावर

देश भक्ति प्राण न्यौछावर करके ही निभाई नहीं जाती | देश के लिए हर मायने में वफादार होना भी देश भक्ति हैं | देश की धरोहर की रक्षा करना, देश को स्वच्छ बनना, कानून का पालन करना, भ्रष्ट्राचार का विरोध करना, आपसी प्रेम से रहना आदि यह सभी कार्य देशभक्ति के अंतर्गत ही आते हैं | देश के लिए वफादार बनना ही सही मायने में देश की सेवा हैं | इससे देश भीतर से मजबूत होता हैं | देश में एकता बढती हैं और एकता ही देश की शक्ति होती हैं |

दो सो सालों की गुलामी के बाद देश आजाद हुआ था | 15 August 1947 Independence Day of India, 1947 में देश को आजादी एकता के कारण ही मिली थी लेकिन इस एकता में सदा के लिए दो गुट बन गए | वे दो गुट धर्म, साम्प्रदायिकता की देन नहीं अपितु अंग्रेजो की दी फुट की देन थी | और आज तक अंग्रेजो का दिया | वह घृणित तौहफा हमारे देश को कमजोर बना रहा हैं | यह घृणित फांसला हमारे देश के भीतर तो हैं ही साथ में भारत पाकिस्तान दोनों देशो के बीच भी आज तक गहरा हैं |

इस घृणा का मोल हम सभी को हर वक्त चुकाना पड़ता हैं | देश की आय का कई गुना खर्च सीमा पर देश की लड़ाई में व्यय होता हैं जिस कारण दोनों ही देशों के कई लाखों लोगो को रात्रि में बिना भोजन के सोना पड़ता हैं | आजादी के 74 सालों बाद भी दोनों देश गरीब हैं इसका कारण हैं आपसी फुट | जिसका फायदा उस वक्त भी तीसरे लोगो ने उठाया और आज भी उठा रहे हैं |

देश में चारो तरह आजादी

15 August 1947 Independence Day of India, 1947 के पहले 1857 में भी इसी तरह से क्रांति छिड़ी थी | देश में चारो तरह आजादी के लिए युद्ध चल रहे थे | उस वक्त राजा महाराजों का शासन था लेकिन वे सभी राजा अंग्रेजों के आधीन थे | 1857 का वक्त रानी लक्ष्मी बाई के नाम से जाना जाता हैं |उस वक्त भी अंग्रेजो की फुट एवम राजाओं के बीच सत्ता की लालसा के कारण देश आजाद नहीं हो पाया |

उसके जब हम मुगुलो और राजपूतों का वक्त देखे तब भी फुट ने ही देश को कमजोर बनाया | उस वक्त भी महाराणा प्रताप की हार का कारण फुट एवम राजाओं की सत्ता की भूख थी |और आज हम जब निगाहे उठाकर देखते हैं | तब भी हमें यही दीखता हैं कि देश के नेताओं को बस सत्ता की भूख हैं |वो देश की जानता को साम्प्रदायिकता के जरिये तोड़ रहे हैं | और इसमें उन्हें बस सत्ता की भूख हैं |

आदर, सम्मान एवम देशभक्ति का मार्ग

इन सभी में बदलाव लाने के लिए हम सभी को जागने की जरुरत हैं | यह लड़ाई इतनी आसानी से कम नहीं होगी | उल्टा दिन पर दिन बढ़ती जाएगी | इसका एक ही हल हो सकता हैं कि आने वाली पीढ़ी को शिक्षित किया जाये | अच्छे बुरे की समझ दी जाये | आदर, सम्मान एवम देशभक्ति का मार्ग दिखाया जाये | इसके बाद ही देश में बदलाव आ सकते हैं |

हमारा देश जिसका ध्वज तीन रंगों से मिल कर बना हैं जिसमे केसरिया रंग जो प्रगति का प्रतीक हैं, सफ़ेद जो अमन एवं शांति का प्रतीक हैं, हरा जो समृद्धि का प्रतीक हैं | साथ में अशोक चक्र जो हर पल बढ़ते रहने का सन्देश देता हैं | तिरंगे का सफ़ेद रंग पूरी दुनियाँ को शांति का सन्देश देता हैं क्यूंकि युद्ध से सभी देशों एवम नागरिको पर बुरा असर पड़ता हैं |याद रखियेगा लड़ते वही हैं जिनमे शिक्षा का आभाव होता हैं | अगर किसी देश की प्रगति चाहिए तो उस देश का शिक्षा स्तर सुधारना सबसे जरुरी हैं |

केवल यह दो दिनों के मौहताज ना बने।

स्वतंत्रता (15 August 1947 Independence Day of India) दिवस पर केवल शहीदों को याद करना | राष्ट्रीय सम्मान करना | देश भक्ति की बाते करने के अलावा हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि रोजमर्रा के कार्य में देश के लिए सोच कर कुछ करे जिसमे देश की सफाई, अपने बच्चो एवम आस-पास के बच्चो को एक सही दिशा देने के लिए कुछ कार्य करें, गरीब बच्चो को पढ़ने में मदद करें, बुजुर्गो को सम्मान दे, क्राइम के प्रति जागरूक होकर दोषी को दंडित करें, गलत को गलत कहने की हिम्मत रखे, जान बुझकर या अनजाने में भी भ्रष्टाचार का साथ ना दे एवम सबसे जरुरी देश के नियमो का पालन करे | अगर हम रोजमर्रा में इन चीजो को शामिल करते हैं तो देश जरुर प्रगति करेगा और हम सभी भी देश के सपूत कहलायेंगे|

15 अगस्त, 26 जनवरी केवल यह दो दिनों के मौहताज ना बने | मातृभूमि इस दिन का इन्तजार नहीं करती | वो तो उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब देश की भूमि पर भ्रष्टाचार का नाम न हो, जब बेगुनाहों का कत्लेआम ना हो, जब नारी की अस्मत का व्यापार ना हो, जब माता- पिता को वृद्ध होने का संताप ना हो | ऐसे दिन के इंतज़ार में मातृभूमि आस लगाये बैठी हैं | क्यूँ न यह सौभाग्य हमें मिले और हम अपने छोटे से कार्य का योगदान देकर मातृभूमि की इस इच्छा को पूरी करने के लिए एक नीव का मूक पत्थर बन जायें | जय हिन्द

15 August 1947 Independence Day of India

Read this Articles in English

15 August 1947 Indian Independence Day:

Independence (15 August 1947 Independence Day of India) which our ancestors gave us on 15 August 1947. A golden date (15 August) due to which we are breathing in independent India today. Many martyrs paid their lives in the cost of this freedom. Only then we have got the roof of independent India.

Now it is our duty and responsibilities to get the name of India written in golden letters as a tribute to those martyrs. Bharat land is considered to be mother form. The countrymen (Indians) are the children of Mother India. Martyrs who perform duty for their mother are the true children of mother. The less said about the martyr. A great man who despises/loathes even his life in front of his duty. It is not easy for him to say anything in words.

But all of us who do not get a chance to die or say that we do not have that much courage, strength/forte. We can also work for the country. The spirit/soul of patriotism should be shown only by giving life not necessarily. We have to be aware of our duties and rights, we have to fulfill them. This will be our true tribute to those martyrs, patriots and motherland. (15 August 1947 Indian Independence Day)

Patriotism and Sacrifice

Patriotism (Love with Country) is not performed only by sacrificing one’s life. Being loyal/faithful to the country in every sense is also patriotism. Protecting the heritage/ legacy of the country, keeping the country clean, following the law, opposing corruption, living with mutual love, etc. All these works come under patriotism (Love with Country). Being loyal / faithful to the country is the service of the country in the true sense. This strengthens the country from within. Unity increases in the country and unity is the strength of the country.

The country became independent after two hundred (200) years of slavery. 15 August 1947 Independence Day of India In 1947, the country got independence only because of unity, but in this unity two factions were formed forever. Those two factions (groups) were not a gift of religion, communalism, but the foot of the British. And till today the British have given. That disgusting gift is making our country feeble/weak. This disgusting gap is not only within our country, as well as between India and Pakistan is also deep between the two countries till date.

We all have to pay for this hatred (hate) all the time. Many times the income of the country is spent in the battle of the country on the border, due to which many millions of people of both the countries have to sleep without food in the night. Even after 74 years of independence, both the countries are poor, the reason for this is mutual foot. Which was taken advantage of by third people even at that time and are taking advantage of it even today.

Freedom all Around the Country

15 August 1947 Independence Day of India, before 1947, a similar revolution broke out in 1857 as well. There were wars going on in the country for independence. At that time there was the rule and regulation of King Maharajas but all those kings were under the British. The time of 1857 (Era of 1857) is known as Rani Laxmi Bai.

Even when we saw the time of Mughals and Rajputs, the foot itself made the country weak. Even at that time, the reason for the defeat of Maharana Pratap was the hunger for power of the feet and the kings. And today when we look at it. Even then we see that the leaders of the country are just hungry/starving for power. They are breaking/contravention the country’s knowledge through communalism. And in this they are just starving/hungry for power.

The Path of Respect and Patriotism

We all Indian need to wake-up to bring about a change in all this. This fight will not go down so easily. On the contrary, it will increase/rise day by day. The only solution can be to educate the coming generation. Give understanding of good and bad. Show respect, respect and patriotism. Only then can changes take place in the our country.

Our country whose flag is made up of three colors in which saffron color which is a symbol of progress, white which is a symbol of peace and peace, green which is a symbol of prosperity. Along with Ashoka Chakra which gives the message to keep growing every moment. The white color of the tricolor (Indian Flag) gives a message of peace to the whole world, because war has a bad effect on all countries and citizens. Remember one things, fighting is the one who lacks education. If a country wants progress, then it is most important to improve the education system of that country.

Don’t be Tempted by Just two Days

Remembering only martyrs on Independence Day (15 August 1947 Independence Day of India). National honor Apart from talking about patriotism, we should all take a pledge that we should do something thinking for the country in our day-to-day work, which includes cleaning the country, doing some work to give a right direction to our children and the children around, poor Help children to study, give respect to the elderly, be aware of crime and punish the guilty, have the courage to say wrong is wrong, do not support corruption knowingly or unknowingly and most importantly follow the rules of the country. | If we include these things in everyday life, then the country will definitely progress and we all will also be called the sons of the country.

15 August 26 Motherland does not wait for this day. She is waiting for the day when there is no corruption on the land of the country, when innocent people are not slaughtered, when women’s honor is not traded, when parents are not worried about old age. Motherland is waiting for such a day. Why should we not get this good fortune and by contributing our small work, we become a silent stone of the foundation to fulfill this desire of the motherland. Jai Hind

Read Here Educational Articles.

Leave a Reply